Availability: In Stock

Naushera Ka Sher | Mahavir Chakra Brigadier Mohammad Usman | नौशेरा का शेर | महावीर चक्र ब्रिगेडियर मुहम्मद उस्मान

150.00

आज़ादी के बाद जब मिलिट्री के अफ़सरों को ये चुनने की आज़ादी दी गयी कि वो हिन्दुस्तान में रहें या पाकिस्तान चले जाएं, तब ब्रिगेडियर उस्मान ने हिंदुस्तान को ही चुना।

आज ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की 77वीं बरसी है। आज़ादी के तुरंत बाद 1947-48 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बार जंग लड़ी गई तो ब्रिगेडियर उस्मान भारतीय सेना के पहले अफसर थे जो देश के लिए शहीद हो गए।

उन्होंने नौशेरा सेक्टर में दुश्मन का डटकर मुकाबला किया और 3 जुलाई 1948 को पाकिस्तान से लोहा लेते हुए मुल्क पे कुर्बान हो गए। उन्हें बाद में भारत के दूसरे सबसे बड़े सैन्य सम्मान महावीर चक्र से नवाज़ा गया। कौसर उस्मान की लिखी किताब “नौशेरा का शेर” में ब्रिगेडियर मुहम्मद उस्मान की ज़िंदगी और गहराई से पढ़ने को मिल जाएगी।

Buy Now